

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-1.7.22
विगत 3 वर्षों से लंबित परतापुर से बड़गांव जिला मुख्य मार्ग का निर्माण कार्य कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के अथक प्रयासो से हुआ पूर्ण क्षेत्र की जनता में हर्ष —
पखांजूर–
थाना परतापुर से बड़गांव जाने वाली करीब 18 किमी की कच्ची सड़क में विगत 03 वर्षों से पक्की सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था सड़क निर्माण कार्य में हो रही देरी के कारण क्षेत्र के लोग निराश थे और ठेकेदार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त कर चुके थे क्षेत्र के लोगों की जन भावना को देखते हुए तत्कालिक कलेक्टर कांकेर चंदन कुमार भाप्रसे एवं पुलिस अधीक्षक कांकेर शलभ कुमार सिन्हा भापुसे द्वारा लगातार भ्रमण कर क्षेत्र की समस्याओं से अवगत होकर निरंतर अथक प्रयास कर ठेकेदार को शीघ्र सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करने निर्देशित किया गया फलस्वरूप ग्राम परतापुर, सलियापरा,छिंदटोला , बुधनदंड,बडे झाड़कट्टा, छोटे झाड़कट्टा, मंडागांव से बडगांव तक करीब 18 किमी. पक्की सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ उक्त सड़क बन जाने से अंदरुनी क्षेत्र में बसे गांव भी मुख्य मार्गो से जुड़ गए परतापुर से बड़गांव का यह क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित एवं अतिसंवेदनशील होने से सड़क का निर्माण का कार्य ठेकेदार, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के लिए अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण था सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार, इंजीनियर ,मुंशी एवं काम करने वाले कर्मचारी एवं निर्माण कार्य में लगे साजो समान की सुरक्षा करना आसान नहीं था । वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिस थाना परतापुर ,बड़गांव तथा सीमा सुरक्षा बल 157 वी वाहिनी परतापुर एवं 167वी वाहिनी बड़ेझाड़कट्टा ,मंडागांव (बड़गांव) के अधिकारी /कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों से सतत संपर्क कर लोगों में जनजागरूकता पैदा किया गया, जिसके कारण सड़क निर्माण कार्य के दौरान कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुआ। पुलिस बल एवं सीमा सुरक्षा बल द्वारा सड़क निर्माण कार्य में लगे लोगों एवं उनके साजो समान की सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिसके कारण ग्राम परतापुर से बड़गांव तक अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पक्की सडक निर्माण कार्य के दौरान किसी प्रकार की कोई नक्सली वारदात एवं अप्रिय घटना घटित नहीं हुआ है। उक्त पक्की सडक के निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने से जिला एवं पुलिस प्रशासन की बहुत बड़ी उपलब्धी मिली है। जिससे क्षेत्र के लोगो में अत्यन्त ही हर्ष व्याप्त है ,जिससे निश्चित ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलेगी व नक्सल गतिविधि में अंकुश लगाने मैं सफलता मिलेगी।